रविवार, 12 मई 2019

ख्वाबों के फूल  खिल  गए   कचनार हो गए 
हम दोनों के  मन मिल  गए इकसार हो गए 
चेहरे को छू  के ये  नज़र  मुस्कुरा  उठी 
लब उसके छू के लब मेरे गुलज़ार हो गए 

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