मंगलवार, 18 जुलाई 2017

कायरता की हद तक  कभी  सहना मत सीखो 
इक दायरे में तालाब की तरह बहना मत सीखो 
नर्क है ये घर  तो क्या   राजा हो तुम इसके 
स्वर्ग में बन के दास कभी रहना मत सीखो