ग़ज़ल
प्यार का बेज़ुबाँ पर असर देखिये ,
शाख पर खूबसूरत ये घर देखिये।
इस के कहने पे हमने लगाया इधर,
अब ये दिल कह रहा है उधर देखिये।
खुद से मिलने में तुमको लगेगी उमर ,
आप करके कभी यह सफर देखिये।
अपनी मिटटी से होकर जुदा आजकल,
फिर रहा है बशर दर बदर देखिये।
उम्र छोटी सही कर्म लेकिन बड़े ,
राह सच्ची भले मुख़्तसर देखिये।
इससे बेहतर गवाही ये माँ कैसे दे ,
हाथ बच्चे के सर आँख तर देखिये।
राम नानक मोहम्मद या जीसस कहो ,
राह सबकी रही पुरखतर देखिये।
गम में रोयेगी दुन्या तेरे साथ में ,
टाल देगी खुशी मांग कर देखिये।
तेज़ भागा फक़त एक मंज़िल मिली ,
इस जुनूँ का अभागा सफर देखिये।
दूसरे की खबर तीसरे से मिली ,
वो है "निर्मल " बड़ा बेखबर देखिये।
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