मंगलवार, 27 मार्च 2012

अध्यापिका;Nazm


अध्यापिका ने कहा राहुल से,

राहुल एक मिनट  जरा इधर तो आओ,
रोज़ रोज़ आते हो लेट कारण तो बतलाओ,

राहुल ने कहा तपाक से
कुछ संजीदा कुछ मजाक से,

क्या बताऊँ मैडम लोग फब्तियां कसते हैं,
इतनी फिक्र न किया करैं,
लोग गलत समझते हैं.

शनिवार, 24 मार्च 2012

शराब पानी हि होती जो गम न मिले होते;ghazal Numa Nazm


शराब पानी हि होती जो गम न मिले होते,
मयकदे न कभी खुलते जो दिल न जले होते.

बस हम ढूंढते रहते  इक हमदर्द उम्र भर,
अगर जख्म हमने अपने खुद न सिले होते.

क़ि दूर से हि सेंकना जो सीख लेते हम,
तुम्हारि तरह मेरे भी न हाथ जले होते.

कुछ परिवार के आगे तो पीढियां बेबस,
सर न झुके होते अगर लब न सिले होते.

जिक्र हमारा भिन कोई करता निर्मल,
नई लकीरें खींचके जो हम न चले होते.


गुरुवार, 22 मार्च 2012

शनिवार, 10 मार्च 2012

ये सच है ज़िन्दगी तुझसे किया, वादा नहीं कुछ भी,Ghazal

ये सच है ज़िन्दगी तुझसे किया, वादा  नहीं कुछ भी,
मगर ये तय है मुझको चाहिए, आधा नहीं कुछ भी।

मेरे घर मे मेरे अब्बा मेरी अम्मी कि बरकत है,
है दौलत प्यार कि इतनी कि शहज़ादा नहीं कुछ भी।

पड़े न वास्ता उस घर से अब "निर्मल" किसी का भी ,
हो दौलत और शोहरत पर हो मर्यादा नहीं कुछ भी।

बेफिक्री मे गुज़ारी ज़िन्दगी बस इसलिए हमने,
उठाये दुःख ,उठाये  सुख कभी लादा  नहीं कुछ भी।

वतन अपना भजन अपना ,सुखन अपना कफ़न अपना,
कहूँ दिल की हमें इनके सिवा भाता नहीं कुछ भी।










शनिवार, 3 मार्च 2012

नर्स और मरीज़;Nazm

मरीज़ को जैसे ही होश आया,
सामने एक सुन्दर नर्स  को पाया,
नर्स को देख कर देखता रह गया,
क्या कहूं क्या नहीं सोचता रह गया.

फिर हिम्मत जुटा कर
कुछ मुस्कुरा  कर
कहा नर्स इधर आओ,
तुमसे कुछ कहना है सुनती जाओ,

मुझे अभी अभी समझ में आया है,
शायद तुमने मेरा दिल चुराया है.

नर्स सकपकाई,
थोडा घबराई,
फिर हिम्मत बटोर कर जोर से गुर्राई,
 कहा तू झूठों  का सरदार है,
बहुत ही मक्कार है,

ये बात कहते हुए शर्म नहीं आई
दिल किसी और ने चुराया होगा,
हमने तो बस किडनी चुराई.