गीत तुमने जो दिया शिद्दत से गाया है मियाँ ,
हमने हर किरदार को दिल से निभाया है मियाँ।
इस तरफ तो दौलतें तुझको कराती हैं सफ़र ,
उस तरफ तो नेकियों का ही किराया है मियाँ।
जागना जो चाहे इक आवाज़ मैं उठ जायेगा ,
झूठा सोने वाले को किसने जगाया है मियाँ।
छोड़ झूठे कहकहे बस मुस्कुराने दे मुझे ,
आज मुश्किल से ये मौका हाथ आया है मियाँ।
माँ चुपड़ कर आंसुओं से रोटियाँ खाती रही ,
हँस के जिसने बेटों पर सब कुछ लुटाया है मियाँ।
फासले कमरों के कमतर थे दिलों के सामने ,
पास अपने धूप लेकिन दूर साया है मियाँ।
उस परिंदे को कफ़स मे फ़िक्र है परवाज़ की ,
मन ही मन सय्याद उस पर तिलमिलाया है मियाँ।
ज़िन्दगी ज़ेवर न बन पाई खरा सोना थी वो ,
खोट हमने जान कर इसमें मिलाया है मियाँ।
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