रविवार, 12 जून 2016

गीत तुमने जो दिया शिद्दत से गाया  है मियाँ ,
हमने हर किरदार को दिल से निभाया है मियाँ। 

इस तरफ तो दौलतें तुझको कराती हैं सफ़र ,
उस तरफ तो नेकियों का ही किराया है मियाँ। 

जागना जो चाहे इक आवाज़ मैं उठ जायेगा ,
झूठा सोने वाले को किसने जगाया  है मियाँ। 

छोड़ झूठे कहकहे  बस मुस्कुराने दे मुझे ,
आज मुश्किल से ये मौका हाथ आया है  मियाँ। 

माँ चुपड़ कर आंसुओं से रोटियाँ खाती रही ,
हँस के जिसने बेटों पर सब कुछ लुटाया है मियाँ। 

फासले  कमरों के कमतर थे दिलों के सामने ,
पास अपने धूप  लेकिन दूर साया है मियाँ।

उस परिंदे को कफ़स मे फ़िक्र है  परवाज़ की ,
मन ही मन सय्याद उस पर तिलमिलाया है मियाँ। 

ज़िन्दगी ज़ेवर न बन पाई खरा सोना थी वो ,
खोट हमने जान कर इसमें मिलाया है मियाँ। 








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