गुरुवार, 5 अक्तूबर 2023

रस्तों के साथ में ,न मंज़िल के साथ में 
धारों के साथ में, न साहिल के साथ में 
हमको है मंज़ूर, बस दिल की रहबरी 
हम तो खड़े रहते हैं, दिल के साथ में 


बुधवार, 4 अक्तूबर 2023

बुज़दिल के साथ में न क़ातिल के साथ में 
हम खड़ें हैं अशफ़ाक़ ओ बिस्मिल के साथ में 
राह ए वतन पर  लुटा देंगे जान भी 
जीना पड़े चाहे मुश्क़िल  के साथ में। 


ज़िन्दगी तो बस चिता तक  साथ देगी 
बाद इसके मौत अपना हाथ देगी 
जिस तरह से हमने काटा है सफ़र ये 
मौत भी इस ज़ीस्त प खुल के दाद देगी 

मंगलवार, 27 जून 2023

ज़िंदा हो तुम तब तक जब तक मरे नहीं हो ,
मरे नहीं हो तब तक जब तक डरे नहीं हो 
रिक्त कलश से जीवन में नहीं मोक्ष तब तक 
मातृभूमि के प्रेम से जब तक भरे नहीं हो 
बंध गए हैं तुम भी देखो माया की इस पाश में 
उलझा लिया है जीवन अगर मगर और काश में 
रेंग भी नहीं पा रहे हो ठीक से तुम भूमि पर 
भेजा था उसने तुम्हे उड़ने को आकाश में। 
अब हमारी दस्तरस से दूर हो गए गाँव 
शहर में तो लोग  चलते नित नवेले दांव 
इस तरह भटकन बढ़ी है ज़िन्दगी में आज 
रखते कहीं हैं हम मगर पड़ते कहीं हैं पाँव 

शनिवार, 25 मार्च 2023

 दूर तक ये  आपके ,साथ साथ जायेंगे 
 मुश्किलों में आपको राह भी दिखाएंगे 
जब कभी भी फ़ैसले  लेने पड़ेंगे आपको 
उस समय  ये शे'र मेरे  ख़ूब याद आएंगे 

बुधवार, 8 फ़रवरी 2023

अंदाज़ अपना सूफियाना है 
 खुली  हवा से दोस्ताना है 
सीलन भरे कमरों से दूर हूँ 
वृहद गगन ही आशियाना है 

बुधवार, 25 जनवरी 2023

साफ़ सुन्दर ज़ेहनो दिल भी स्वार्थ के कोहरे से पट गये 
खेत बांटे,बांटे ज़ेवर ,आख़िरश ये दिल भी बँट गये 
बच्चे थे तो जुड़े हुए थे ,बड़े हुए तो सबसे कट गए 
अपने अपने बच्चे लेकर, भाई सारे  दूर हट गये 
दिल को क्या दे दें,दिलासे के सिवा 
क्या फ़क़ीर के पास है,कासे के सिवा?
ऐसा नहीं है कि, दुर्भाव का बहाव नहीं है 
मगर यहाँ सद्भावों का भी, अभाव नहीं है 
जो बाँध बन कर, नफरत के धारों में खड़े हैं 
महज़ वो, कुछ एक शिलाओं का जमाव नहीं है