बुधवार, 27 जनवरी 2021

२१२१२        ११२१२       २१२१२ 

अंधेरों से किसको मलाल है,ये सवाल है 
अब तो रौशनी भी निढाल है,ये सवाल है 

अंजुमन में आपकी किस तरह के अदीब हैं 
इतना गिर गए हो कमाल है,ये सवाल है 

खुद से होके  दूर ही ,तुमसे मिलना हो पाया है 
ये जुदाई है कि विसाल है ,ये सवाल है 

तुम भी पैरोकार हुए ग़लत बातों के मियाँ 
तुम भी कह रहे हो हलाल है ,ये सवाल है 

सीने में सुलगते सवाल थे,सब हवा हुए 
ज़ेहन में न कोई सवाल है ,ये सवाल है 

ऊंचा उठने के लिए नीचे जाने की होड़ है 
ऊँचाई की कैसी मिसाल है ,ये सवाल है 

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