मुबारक़ दौलतें तुमको हुक़ूमत भी मुबारक़ हो
हमारा तो अलग लहजा अलग रोना है दुनिया से
हमेशा के लिए रहना है बन के नूर आँखों में
सिकंदर की तरह रुख़सत नहीं होना है दुनिया से
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