मैं तो खेलूँगी होरी पिया संग सखी री
मैं तो पी लूंगी सारी पिया भंग सखी री
मन कहाँ भागे पकड़ में न आये
आस मिलन की रंगती जाए
जिया में हो रई हुड़दंग सखी री
मैं तो खेलूँगी....
मैं तो पी लूँगी....
पीला रंग डालूं के नीला रंग डालूँ
मल मल गुलाल ओके रंगीला बना लूँ
हैं तो होंगे कहीं के दबंग सखी री
मैं तो खेलूँगी....
मैं तो पी लूँगी...
वो जब मारेंगे ओ चम्पा सुन री
भर पिचकारी हटा मोरी चुनरी
सबे गाँव रह जायेगो दंग सखी री
मैं तो खेलूँगी....
मैं तो पी लूँगी..
तन मन रंग लिया प्रीत में वाकी
ये संदेसवा पहुंचा दे रे पाखी
कोई रंग चढ़े न इस रंग सखी री
मैं तो खेलूँगी....
मैं तो पी लूँगी.