सोमवार, 9 मार्च 2020

पूजन अधूरा  रह जाए गर चन्दन के  संग रोली न हो 
जीवन में रंग दिखेंगे नहीं यदि मन की आँख खोली न हो 
सूना सा जीवन हो जाए यदि जीवन में हमजोली न हो 
वो  होली कोई  होली नहीं ,जिसमे कवि की ठिठोली न हो 

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