श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी ,हे नाथ नारायण वासुदेवा
इक आँख में छवि मोहन की प्यारी
दूजन मे देखो , राधा दुलारी
ह्रदय के कणकण में कुंज बिहारी
ह्रदय की धड़कन में राधा दुलारी
मन की गलिन में जो आये बिहारी
दूर हुई सब विपदा हमारी
आगे बढ़ाओ चरण मुरारी
आया ये बालक ,शरण तिहारी
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी ,हे नाथ नारायण वासुदेवा
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