रविवार, 12 जून 2016

गीत तुमने जो दिया शिद्दत से गाया  है मियाँ ,
हमने हर किरदार को दिल से निभाया है मियाँ। 

इस तरफ तो दौलतें तुझको कराती हैं सफ़र ,
उस तरफ तो नेकियों का ही किराया है मियाँ। 

जागना जो चाहे इक आवाज़ मैं उठ जायेगा ,
झूठा सोने वाले को किसने जगाया  है मियाँ। 

छोड़ झूठे कहकहे  बस मुस्कुराने दे मुझे ,
आज मुश्किल से ये मौका हाथ आया है  मियाँ। 

माँ चुपड़ कर आंसुओं से रोटियाँ खाती रही ,
हँस के जिसने बेटों पर सब कुछ लुटाया है मियाँ। 

फासले  कमरों के कमतर थे दिलों के सामने ,
पास अपने धूप  लेकिन दूर साया है मियाँ।

उस परिंदे को कफ़स मे फ़िक्र है  परवाज़ की ,
मन ही मन सय्याद उस पर तिलमिलाया है मियाँ। 

ज़िन्दगी ज़ेवर न बन पाई खरा सोना थी वो ,
खोट हमने जान कर इसमें मिलाया है मियाँ। 








मंगलवार, 2 फ़रवरी 2016

छोड़ कर हमको वो गया जबसे ,
 बेकफ़न लाश ढ़ो रहे तबसे !

उम्र सारी गुज़ार दी घर में ,
वक़्ते रुखसत ही वो मिला सबसे !

गोद में  माँ की सर छिपाया तो ,
दिल को ऐसा लगा मिला रब से !

क्या ख़ुशी मैं नहीं तेरी ज़द में ,
तूने देखा नहीं मुझे कब से !

राज़ सब जानता है वो उसके,
चाँद  की बात क्या करें शब से !

कल मिला था वो बाअदब लेकिन ,
वक़्त फिर जब मिला नए ढब से !

 तुमसे  अब क्या कहें सुने "निर्मल "
सी लिए होंठ आज से अब से !