मंगलवार, 8 अक्तूबर 2019

तुम्हारे इल्म ओ  फ़न को प्यार हासिल है बहुत रब का
बड़ी आसानी से कह देते हो तुम हाल ए दिल सबका 

ग़लत फ़हमी  में मत रहना बचा लेगा तुम्हे इक दिन 
भँवर  का और साहिल का अजी अब एक है तबक़ा 

अदब का वो मुहाफ़िज़ था अलम्बरदार था सच का 
मियाँ वो नेक शायर मुफ़लिसी  में मर गया कबका 



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