लोगों के दिलों में वो ही मुक़ाम करते हैं
शाइरी की शरीयत में जो कलाम करते हैं
फ़िर ये तो अदब के कद्रदानों की ही महफ़िल है
सो अदब नवाज़ों को हम सलाम करते हैं
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