इस मकीं को उस मकां में अब गवारा कौन है
लोगों को अपने सिवा दुनिया में प्यारा कौन है
आपके आने से पहले आप आये थे यहाँ
जेहन ने पूछा था दिल से ये तुम्हारा कौन है
द्वार पर फ़िर सुन के आहट मन मचल के बोल उठा
इक दफ़ा तो थी हवा लेकिन दुबारा कौन है
जिस तरह से सोच कर वो भेजता हमको यहाँ
उस तरह से ज़िन्दगी आखिर गुज़ारा कौन है
सारी दुनिया छोड़ दे चाहे तुम्हे मझधार में
उस ख़ुदा के रहते मत कहना हमारा कौन है
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