गुरुवार, 5 अक्तूबर 2023

रस्तों के साथ में ,न मंज़िल के साथ में 
धारों के साथ में, न साहिल के साथ में 
हमको है मंज़ूर, बस दिल की रहबरी 
हम तो खड़े रहते हैं, दिल के साथ में 


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