"अगर हम सिर्फ अपना तन साफ़ रखेंगे किन्तु घर और मोहल्ला अशुद्ध रहेगा तो व्याधियों से हम बहुत देर तक दूर नहीं रह सकते .सामाजिक परिवेश मे उपरोक्त जुमले को हम घर समाज और मुल्क की परिपाटी पर रख कर सोचे की क्या हम ये प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से नहीं कर रहे .अगर जवाब हाँ है तो या तो हम बीमार हैं या बहुत जल्दी बीमार होने वाले हैं"।राकेश "निर्मल"
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