संवेदना को अपने दिल मे पिरोइए
आंसुओं से भी हो सकता है आचमन
किसी का दर्द दिखे तो ज़रूर रोइए
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क्यों अवसाद के झूले झूलते हो
खुशियों के हिंडोले छोड़ के तुम
क्यों रोने के बहाने ढूढते हो