गुरुवार, 22 मार्च 2012

रंगीन जवानी है फिर क्यूँ बचपन का मोह ज़ारी है,

रंगीन जवानी है फिर क्यूँ बचपन का मोह ज़ारी है,
यकीनन इक पल बेफिक्री का सौ मोहरों पे भारी है.

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